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(05-जनवरी-2017) दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) का 22वां तथा भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) का 8वां स्थापना दिवस
गोल्डेन बुक आफ वर्ल्डरिकार्ड की ओर से पतंजलि को मिले 22 वर्ल्ड रिकार्ड
पतंजलि के शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वदेशी व राष्ट्र-निर्माण के कार्यों ने देश को दिये नये आयामः स्वामी रामदेव
राष्ट्रहित के लिए अहर्निश प्रतिबद्ध है पतंजलि योगपीठ परिवार: आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार, 5 जनवरी। दिव्य योग मन्दिर (ट्रस्ट) तथा भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) के स्थापना दिवस, के पावन अवसर पर आज पतंजलि योगपीठ-2 स्थित श्रद्धालयम हॉल में यज्ञादि के साथ विशेष उद्बोधन, खेल प्रतियोगितायें व अन्य विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए। इस अवसर पर गोल्डेन बुक आफ वर्ल्डरिकार्ड के अघिकारियों ने पतंजलि योगपीठ की 22 विविध क्षेत्रें में उपलब्धियों के आधार पर 22 वर्ल्ड रिकार्ड प्रदान किये गये। जिसमें योगऋषिा रामदेव जी महाराज के सर्वाधिक लाइव प्रसारण, सर्वाधिक जड़ी-बूटी पौधों के वितरण, पतंजलि के जड़ी-बूटी संग्रहालय, ”आयुर्वेद सिद्धांत रहस्य” पुस्तक का सर्वाधिक 17 भाषाओं में एक दिन में बिमोचन आदि का विश्व रिकार्ड आदि सामिल हैं।
इस अवसर पर योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने स्थापना दिवस के इस अवसर पर दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) की शून्य से शिखर पर पहुंचने की यात्र का बोध योग साधकों को कराया। उन्होंने बताया कि सेवा के इस मिशन में अनेक कठिनाईयां आईं परन्तु पतंजलि योगपीठ परिवार ने एकजुटता तथा अहर्निश पुरुषार्थ से उन कठिनाईयों के बीच से ही उन्नति की नई-नई राहें ढूंढ निकाली और राष्ट्रनिर्माण के इस अभियान को शिखर तक पहुंचाया। सेवा तथा संघर्ष के इस महायज्ञ में करोड़ों देशवासियों का सात्विक संकल्प, उत्साह, स्नेह सदैव हमें प्राप्त हुआ है ।
स्वामी जी ने कहा कि पतंजलि योगपीठ की स्थापना से लेकर अबतक देश व समाज के लिए इस सम्पूर्ण सेवा अनुष्ठान में श्रद्धेय आचार्यश्री का बड़ा योगदान है। आयुर्वेद, शिक्षा, स्वदेशी संकल्प से लेकर लाखों लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार से जोड़ने केे क्षेत्र में आचार्यश्री गहन तपःपूर्ण पुरुषार्थ में अहर्निश संलग्न हैं।
स्वामी रामदेवजी महाराज ने कहा कि व्यष्टि व समष्टि दोनों दृष्टिकोण को साथ लेकर सवा करोड़ देशवासियों को गौरवांवित करने के साथ पतंजलि परिवार की स्थापना का लक्ष्य पाने में हम काफी हद तक सफल हुए हैं। इस दौरान पतंजलि के शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वदेशी व राष्ट्रनिर्माण के कार्यों ने देश को अनेक नये आयाम दिये हैं।
स्वामी जी ने स्वदेशी व सह अस्तित्व के व्यवहारिक पक्ष को प्रस्तुत करते हुए कहा कि स्वदेशी एक सार्वभौमिक दर्शन है। स्वामी जी ने कहा सह-अस्तित्व विविधता में एकता स्थापित करने का सूत्र है। पतंजलि ने सम्पूर्ण विश्व के सामने इसका एक सशक्त मानक खड़ा कर दिया है।
इस अवसर पर श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा राष्ट्र को राजाओं ने नहीं अपितु ऋषियों ने अपने तप से खड़ा किया है। पतंजलि का आंदोलन उसी ऋषि परम्परा द्वारा राष्ट्रनिर्माण को आगे बढ़ाने का अनुष्ठान है, जो श्रद्धेय स्वामी जी के मार्गदर्शन में अहर्निश गतिशील है। उन्होंने कहा पूज्य स्वामी जी की प्रेरणा से देश के लगभग 650 जिलों में लाखों निःशुल्क योग कक्षाएं व अन्य जागरण के अभियान चल रहे हैं, जिसने देश के लाखों लोगों में शुचिता, सात्विकता, स्वदेशी, राष्ट्र उत्थान की हूक जगाई है। उन्होनें कहा हमारे लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है, इसके लिए पतंजलि योगपीठ परिवार सदैव प्रतिबद्ध है।
आचार्य श्री ने बताया दिव्य योग मंदिर (ट्रस्ट) अपने विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से देश के करोड़ों लोगों की सेवा में अहर्निश संलग्न है। देश-विदेश से विभिन्न साध्य-असाध्य रोगों से ग्रसित लाखों की संख्या में रोगी प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से प्रतिदिन आरोग्य पा रहे हैं। दिव्य योग मन्दिर (ट्रस्ट) के अन्तर्गत जहाँ पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज तथा पतंजलि हास्पिटल सहित देशभर में 5000 से अधिक पतंजलि पतंजलि चिकित्सालय व पतंजलि आरोग्य केन्द्र व पतंजलि स्वदेशी केंद्र, संचालित किये जा रहे हैं, वहीं भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) के अन्तर्गत देशभर में 600 से ज्यादा जिलों में भारत स्वाभिमान (ट्रस्ट) की ईकाईयों के माध्यम से नशाबन्दी, भ्रष्टाचार, पर्यावरण रक्षा, आत्म उन्नयन से राष्ट्र उन्नयन व स्वदेशी के प्रचार-प्रसार का कार्य जारी है।
इस अवसर पर पूज्य स्वामी जी व श्रद्धेय आचार्यश्री ने पतंजलि योगपीठ व इससे संबद्ध समस्त इकाइयों के कार्यकर्ताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों व सेवाव्रती भाई-बहनों को 22वें वार्षिकोत्सव पर शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः यज्ञ से हुआ। सांयं काल तक पतंजलि व पतंजलि कन्या गुरुकुलम के विद्यार्थियों द्वारा दिन भर खेल प्रतियोगितायें भी संचालित की गयी। सम्पूर्ण कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ-।, पतंजलि योगपीठ-2, भारत स्वाभिमान कार्यालय, आचार्यकुलम, पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज, योगग्राम, तेलीवाला कृषि फार्म, पतंजलि ग्रामोद्योग के समस्त अधिकारी, कर्मयोगी व सेवाव्रती भाई-बहन सम्मिलित रहे।