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पतंजलि योगपीठ में योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज का 23 वां संन्यास दिवस समारोह
पतंजलि का स्वदेशी अभियान उत्तराखण्ड ही नहीं पूरे देश का गौरव है- त्रिवेन्द्र सिंह रावत
भारतीय ऋषि संस्कृति को विश्व संस्कृति बनाने के संकल्प सहित मनाया गया पूज्य योगऋषि का संन्यास दिवस
नये मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सशक्त व सम्रद्ध होकर उभरेगा उत्तराखण्ड – आचार्य बालकृष्ण
तेजस्वी व्यक्तित्व के धनी हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री – स्वामी रामदेव
पतंजलि के आंदोलन से देश एवं विश्व भर में श्रेष्ठता एवं दिव्यता का निर्मित हुआ है वातावरण-सुधान्शु जी महाराज
- देश-विदेश के हजारों कार्यकर्ताओं ने पतंजलि पहुंचकर पूज्यवर से लिया आशीर्वाद
- श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सहित संन्यास दिवस में सहभागी बनीं कई हस्तियां
- पतंजलि द्वारा प्रकाशित योग-आयुर्वेद संबंधी पांच पुस्तकों का कई भाषाओं में हुआ विमोचन
हरिद्वार, 05 अप्रैल। पतंजलि योगपीठ में देश-विदेश से पधारे हजारों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में उल्लास पूर्वक योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज का संन्यास दिवस मनाया गया। इसी के साथ पूज्यवर के मार्गदर्शन में चले रहे पंच दिवसीय अधयात्म प्रवचन सत्र का भी समापन हुआ। वैदिक यज्ञ के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धये आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने पूज्य स्वामी जी को परस्पर अभिवादन के साथ संन्यास दीक्षा की शुभकामनायें दी। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूज्य स्वामी जी महाराज को 22 वें जन्म दिवस पर शुभकामनायें प्रेषित कीं। इसी क्रम में पतंजलि द्वारा प्रकाशित चार पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। इनमें योगविज्ञानम्, योगसाइंस, वैद्यप्रसारकम् व विचारक्रांति प्रमुख पुस्तकें थीं। विचारक्राति 10 भाषाओं में एवं अन्य दो-दो भाषाओं में थीं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ पधार कर पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज एवं श्रद्धये आचार्य बालकृष्ण जी महाराज से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा देश का जागरण कर देश की संस्कृति को समृद्ध करता है संन्यासी। सन्यासी जगत कल्याण के प्रति समर्पित होता है और पतंजलि योगपीठ उसी सन्न्यास परम्परा को अनवरत गढ़ रहा है। उन्होनें पतंजलि के स्वदेशी अभियान की गौरवपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि पतंजलि स्वदेशी के लिए प्रेक्टिकल एप्रोच दे रहा है। यह अभियान उत्तराखण्ड ही नहीं पूरे देश का गौरव है। पतंजलि आई ड्राप दृष्टि के लोकार्पण अवसर का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पतंजलि के गौरवपूर्ण अतीत को एवं रामलीला मैदान की घटना का जिक्र करते हुए राष्ट्रहित में स्वामी जी की दृढ़ता को सराहा।
मुख्यमंत्री महोदय ने कहा देश एवं प्रदेश का युवा अपने रोजगार परक समुन्नत भविष्य को लेकर पतंजलि के योग, आयुर्वेद एवं स्वदेशी औद्योगिक अभियान से बड़ी आशा भरी निगाहों से देख रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा देश के लाखों गांवों में चल रहीं पतंजलि की योग कक्षाओं से देश में स्वास्थ के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इनके प्रयास से करोड़ों लोग स्वदेशी औषधियों एवं योग प्राणायाम से रोगमुक्त हुए हैं, जो अपने में अद्भुत है।
विश्व जागृति मिशन के संस्थापक आचार्य सुधान्शु जी महाराज पूज्यवर के संन्यास दिवस के सहभागी बनें। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि पतंजलि योगपीठ के योग, आयुर्वेद, स्वदेशी एवं भारतीय वैदिक संस्कृति से जुडे़ इस आंदोलन से देश एवं विश्व भर में श्रेष्ठता एवं दिव्यता का वातावरण निर्मित हुआ है। उन्होंने कहा आचार्य बालकृष्ण एवं पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज इक्कीसवीं सदी के भारत को विकसित करने में दो सशक्त स्तम्भ साबित हो रहे हैं।
योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा किसी सन्यासी के समान व्यत्तित्व के धनी हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री। इनका हमारे पतंजलि योगपीठ को सदैव से सहयोग मिलता रहा है। उन्होंने उत्तराखण्ड के समृिद्ध की आशा करते हुए कहा कि रावत जी यशस्वी राजनेता हैं।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धये आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने पतंजलि योगपीठ के करोड़ों करोड़ कार्यकर्ताओं की ओर से मुख्यमंत्री महोदय का स्वागत करते हुए कहा उत्तराखण्ड की आबोहवा में रचे-बसे छोटे से गांव से निकलकर वे मुख्यमंत्री जैसे महान दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। आचार्य श्री ने आशा व्यक्त की कि पतंजलि योगपीठ के राष्ट्रसेवा रूपी यज्ञ में इनकी अहर्निश भूमिका रहेगी और प्रदेश सशक्त बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री महोदय के साथ कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक जी, श्री धर्मसिंह जी, श्री यतीश्वरानंद जी महाराज विधायक, श्री आदेश चौहान विधायक, देशराज कर्णवाल विधायक, चैम्पियन सिंह विधायक, श्री प्रदीप वत्र विधायक, श्री सुरेश राठौर विधायक, श्री भगवंत खुल्लड़, श्री मनोज गर्ग जी मेयर हरिद्वार, श्री जयपाल जी जिला अधयक्ष बीजेपी, दिव्य प्रेम सेवामिशन के श्री आशीष जी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। इस अवसर पर जूनाअखाड़ प्रमुख श्री अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने आचार्यसभा की ओर से स्वामी जी का सम्मान किया और स्वामी रामदेव को आचार्य सभा के निर्देशक का दायित्व स्वीकार करने का निवेदन किया।