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(25-फ़रवरी-2017)इरान के डिप्टी अम्बेस्डर एवं ईरान के प्रसिद्ध युवा नेता व सिया धर्मगुरु का पतंजलि योगपीठ भ्रमण
ईरान में स्थापित होगी पतंजलि आयुर्वेद की इकाई
भारत एवं ईरान की सांस्कृतिक समानता से दोनों देशों के
सम्बंधों मेें बढ़ेगी प्रगाढ़ता: ईरानी सिया धर्मगृरु साहाब मुरादी
ईरान में पतंजलि के हर कदम को वहां की सरकार देगी पूर्ण सहयोग – डिप्टी एम्बेस्डर ईरान
ईरान को योग-आयुर्वेद के क्षेत्र में रोजागारोन्मुख बनाने हेतु लिये गये संकल्प
हरिद्वार, 25 फरवरीः ईरान के डिप्टी एम्बेस्डर श्री अजहई शुजाई, ईरान के सीया धर्मगुरु एवं प्रसिद्ध युवा नेता श्री साहाब मुरादी एवं भारत के प्रसिद्ध मुश्लिम धर्मगुरु साजिद कल्बे रिजवी आज पतंजलि योगपीठ पधारे। उन्होंने पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के साथ विशेष भेंट कर दोनों देशों की सांस्कृतिक श्रद्धेय एवं स्वास्थ्य परक सम्मावनाओं के महत्वपूर्ण पहलूओं पर विचार-विमर्श किया। अतिथियों ने श्रद्धेय आचार्य श्री महाराज के साथ पतंजलि की प्रमुख इकाईयों का भ्रमण किया और पतंजलि के योग, आयुर्वेद एवं संस्कृति के क्षेत्र में चलाये जा रहे अभिान से प्रसंनता व्यक्त की। सभी ने पतंजलि के फूड प्रोसेसिंग से लेकर विविध स्वास्थ्य परक उत्पादों की सराहना की।
ईरान के राजदूत महोदय ने आचार्य श्री से कहा योग, आयुर्वेद के साथ पतंजलि के उत्पादों की उच्च गुणवत्ता आज विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा भारत के साथ-साथ ईरान की जनता के बीच भी पतंजलि के उत्पादों की स्वीकार्यता बढ़ी है। उन्होंने आचार्य श्री से पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क की तर्ज पर ईरान में पतंजलि आयुर्वेद की इकाई स्थापित करने एवं वहां की जनता को पतंजलि की सेवाओं का लाभ दिलाने हेतु पतंजलि अभियान को ईरान में संचालित करने हेतु आमंत्रित किया और उन्होने कहा पतंजलि के प्रत्येक कार्य में वहां की सरकार पूर्ण रूप से सहयोग देगी।
इस अवसर पर ईरान के धर्मगुरु श्री मुरादी ने योग-आयुर्वेद पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत और ईरान की सांस्कतिक विरासत में काफी हद तक समानतायें हैं। यदि दोनों देशों की युवा पीढ़ी को एक दूसरे की संस्कृति से जोड़ा जा सके, तो भारत एवं इरान के मैत्री सम्बंधों में प्रगाढ़ता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
आचार्य श्री ने ईरान में पतंजलि अभियान को लेकर गहन अनुसंधान कर इस दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया।
भारतीय धर्मगुरु श्री रिजवी ने कहा योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज व श्रद्धेय आचार्य श्री ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जाग्रत कर विश्व में भारत का मान बढ़ाया है। सभी ने पूज्य स्वामी जी से भी आशीर्वाद लिया।