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पतंजलि योगपीठ में श्रीगुरु गोबिन्दसिंह महाराज के राज्यस्तरीय 350 वें प्रकाश पर्व का विशाल आयोजन सम्पन्न
सिख समाज एवं पतंजलि योगपीठ दोनों मिलकर राष्ट्रनिर्माण के अभियान में निभायेंगे दायित्व- पटना साहिब के श्रद्धेय जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह जी
गुरुगोविन्द सिंह जी के साथ हम देशवासियों का रिस्ता पिता पुत्र जैसा है-आचार्य बालकृष्ण
पतंजलि योगपीठ के माधयम से भारत के कोने कोने में पहुंचायेंगे गुरुगोविन्द सिंह के विचार-स्वामी रामदेव
पतंजलि के अभियान में महान राष्ट्रनायकों की हूक दिखती है- श्री कृष्ण गोपाल जी , सह सर कार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ
हरिद्वार, 16 अप्रैल- सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंन्द सिंह के 350 वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में पतंजलि योगपीठ में आज हर्षपूर्ण वातावरण में संत समागम एवं कीर्तन दरबार सम्पन्न हुआ। योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज एवं पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य श्री बालकृष्ण जी महाराज ने इस अवसर पर गुरुगोविन्द सिंह जी के महान राष्ट्रीय योगदान को भारत सहित विश्व स्तर पर फैलाने के लिए पतंजलि योगपीठ की ओर संकल्प व्यक्त किया तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में इन्हें स्थान देने की भी बात कही गयी। इस अवसर पर आयोजक मंडल की ओर से गुरुसंदेश के रूप में सम्मान स्वरूप पूज्य स्वामी जी महाराज एवं आचार्य श्री को कृपाण एवं पगड़ी भेंट की गयी। इस अवसर पर पटना साहिब के श्रद्धेय जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह जी द्वारा गुरुगोविन्द सिंह के संदेशों का संकलन गोविन्द गीता का विमोचन भी किया गया। तत्पश्चात पतंजलि की ओर से 350 वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित लंगर को सभी ने सामूहिक रूप से चखा।
इस अवसर पर गुरुद्वारा-समूह की ओर से निकाली गयी गुरु गोविंन्द सिंह एवं गुरुग्रंथसाहब की विराट झांकी के पतंजलि पहुंचने पर योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज एवं श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के सानिधय में बड़ी संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख आगंतुकगण एवं अनेक धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक संगठनों के पदाधिकारी तथा उनके श्रद्धालुगणों ने हर्षपूर्ण वातावरण में स्वागत किया।
अपने उद्बोधन में पटना साहिब के श्रद्धेय जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह जी ने कहा कि राष्ट्र की अस्मिता एवं स्वाभिमान को बचाने के लिए जिस महापुरुष ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया उसके सम्मान में पतंजलि परिसर में आयोजित यह कार्यक्रम सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए गौरवान्वित करने वाला है। उन्होंने कहा स्वामी रामदेव जी महाराज सनातन धारा के प्रथम ऐसे संत हैं, जिन्होंने आगे बढ़कर इस कार्यक्रम को आयोजित किया। स्वामी जी ने पतंजलि द्वारा यह पुरुषार्थ करके सिंखों का मन मोह लिया है। उन्होंने सिख समाज एवं पतंजलि योगपीठ दोनों मिलकर राष्ट्रनिर्माण के अभियान में कार्य करने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने कहा पतंजलि के माधयम से संचालित होने वाले कार्यक्रमों में हमें उस महान त्याग, बलिदान से जुड़ी ऋषि परम्परा की झलक देखने को मिलती है।
पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने गुरुगोविन्द सिंह के विचारों को पतंजलि योगपीठ के माधयम से सम्पूर्ण भारत के कोने कोने में पहुंचाने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि वे ऐसे त्यागी बलिदानी थे, जिनके सामने एक मात्र लक्ष्य सदैव रहता वह है राष्ट्रहित, राष्ट्रनिर्माण। स्वामी जी ने कहा वे ऐसे महान व्यतित्व थे जिन्होने कुछ छुपाकर नहीं रखा था।
पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य श्री बालकृष्ण जी महाराज ने कहा गुरुगोविन्द सिंह जी के साथ हमारा रिस्ता पिता पुत्र जैसा है। उन्होंने कहा उनमें देश की संस्कृति के उत्थान के प्रति कूटकूट कर भावनायें भरीं थीं। स्वामी जी ने कहा उनके व्यक्तित्व से हमें देश के प्रति प्रतिपल सहभागिता को सीखना चाहिए।
श्री कृष्ण गोपाल जी , सह सर कार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरुगोविन्द सिंह की राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं देश के प्रति कुर्बानी में छुपे संदेश में आज भी सामयिक हैं, इनमें हमें आतंकवाद, अलगाववाद जैसी समस्याओं का समाधान मिलता है। पतंजलि के अभियान में ऐसे महान राष्ट्रनायकों की हूक दिखती है।
सिख संगत के राष्ट्रीय अधयक्ष श्री सरदार गुरुचरण सिंह गिल एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री अविनाश जायसवालसहित देश के विभिन्न प्रांतों के प्रतिनिधियों का कार्यक्रम में भरपूर योगदान रहा। इस अवसर पर योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज एवं पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य श्री बालकृष्ण जी महाराज के मार्गदर्शन मेें पतंजलि योगपीठ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम की व्यवस्था से जुडे़ कार्यों में योगदान दिया। हजारों की संख्या में हरिद्वार, रुड़की एवं देहरादून सहित उत्तराखण्ड के अनेक गुरुद्वारा-समूह से जुडे़ कार्यकर्ताओं एवं जत्थेदारों ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ- अवतार सिंह शास्त्री जी भारत सरकार की ओर से समिति में नामित सदस्य ने किया तथा पतंजलि योगपीठ के मुख्य केंन्द्रीय प्रभारी डॉ जयदीप आर्य का कार्यक्रम आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान रहा।