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पतंजलि द्वारा देवप्रयाग में निराश्रित बच्चों के लिए निर्मित पतंजलि सेवाश्रम एवं संस्कृतगुरुकुलम का उद्घाटन समारोह
पहाड़ वासियों की सम्रद्धि के संकल्प के साथ सम्पन्न मूल्यागांव के पतंजलि सेवाश्रम व संस्कृतगुरुकुलम का उद्घाटन समारोह
पूज्य स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण सहित उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कृषिमंत्री श्री सुबोध उनियाल एवं श्री अरविन्द पांडेय व अनेक गणमान्यों ने की कार्यक्रम में सहभागिता
उत्तराखण्ड को सम्पूर्ण विश्व में गौरवांवित करता है पतंजलि योगपीठ व उसका पतंजलि अभियान-मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री ने पतंजलि से दालघाटी की दालें तथा पहाड़ की अदरक के प्रोसेसिंग की इच्छा व्यक्त की
मूल्या का पतंजलि परिसर बनेगा पहाड़वासियों की सेवा, सहायता, शिक्षा एवं रोजगार का प्रमुख केंद्र-स्वामी रामदेव
पतंजलि के सहयोग से देवप्रयाग क्षेत्र बनेगा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का हब -कृषिमंत्री, उत्तराखण्ड
पहाड़ के उत्थान के लिए पतंजलि की एक प्रोसेसिंग यूनिट तैयार, कृषि उत्पादों के लिए एक कलेक्शन सेन्टर स्थापित करेगी पतंजलि-आचार्य बालकृष्ण
आपदा में अनाथ बच्चों को नया जीवन देने का पतंजलि पुरुषार्थ गौरवपूर्ण है-शिक्षामंत्री, उत्तराखण्ड
हरिद्वार, 03 जून- पतंजलि योगपीठ द्वारा केदारनाथ आपदा में निराश्रित हुए बालकों के लिए निःशुल्क आवास एवं शिक्षण हेतु निर्मित पतंजलि सेवाश्रम एवं पतंजलि संस्कृतगुरुकुलम का आज उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन एवं लोकार्पण समारोह में पूज्य योगऋषि स्वामी स्वामी जी महाराज एवं श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज, स्वामी मुक्तानन्द जी, श्री प्रद्युम्न जी, श्री यशदिव शास्त्री, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कृषिमंत्री श्री सुबोध उनियाल एवं श्री अरविन्द पांडेय, स्थानीय विधायक श्री विनोद खण्डारी सहित अनेक गणमान्य कार्यक्रम में उपस्थित थे। स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में निकटवर्ती गांवों से लोगों ने पहुंचकर कार्यक्रम में सहभागिता प्रदर्शित की।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा केदारनाथ की भीषण त्रसदी में निराश्रित हुए बच्चों को पतंजलि योगपीठ द्वारा साहस के साथ संरक्षण देकर भयावह पीड़ा उबारना सराहनीय एवं हर किसी के लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा सम्पूर्ण पतंजलि अभियान सेवा के बीच से उपजा है, मूल्या के इस पतंजलि परिसर में भी पीड़ा के प्रति उपजी स्वामी जी आचार्य जी की दिव्य संवेदनशीलता की झलक देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री ने लोकहित में पतंजलि आश्रम के निकट एक घाट बनाने की घोषणा करते हुए पतंजलि से दालघाटी की दालें तथा उत्तम क्वालिटी में पैदा होने वाली यहां की अदरक की प्रोसेसिंग की इच्छा व्यक्त की, आचार्य श्री ने इस पर सहमति व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा श्रद्धेय स्वामी रामदेव जी एवं आचार्य बालकृष्ण ने योग-आयुर्वेद की अलख जगाकर करोड़ों लोगोें को स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वदेशी एवं भारतीय ऋषि संस्कृति से जोड़ा है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड में स्थित पतंजलि योगपीठ एवं उसका विराट आंदोलन हमारे उत्तराखण्ड को पूरे विश्व में गौरवांवित करता है।
कृषिमंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पतंजलि के प्रयास से देश के किसानों में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने का सरकार पतंजलि के सहयोग से देवप्रयाग क्षेत्र को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के हब रूप में विकसित करेगी। इससे रोजगार का सृजन होगा तथा किसानों को सम्रद्धि मिलेगी।
प्रदेश के शिक्षामंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने केदारनाथ आपदा में अनाथ हुए बच्चों को नया जीवन देने के लिए पतंजलि के पुरुषार्थ की सराहना करते हुए कहा कि सेवा के क्षेत्र में यह पतंजलि का गौरवपूर्ण कदम है। उन्होनें कहा सेवा के लिए समर्पित पतंजलि के प्रत्येक कार्यों में राष्ट्रीयता एवं महानता की झलक मिलती है।
इस अवसर पर योगऋषि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज ने कहा उत्तराखण्ड के पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए पतंजलि प्रतिबद्ध है। स्वामी जी ने कहा प्राकृतिक संसाधनों एवं औषधीय जड़ी-बूटियों से भरपूर उत्तराखण्ड के पहाड़ मेें इतनी ताकत है कि पूरे देश को सम्रद्धि कर सकता है, जरूरत है इसके इन उत्पादों के सही प्रोसेसिंग एवं उपयोग की। उन्होंने कहा श्रद्धेय आचार्य जी के अथक पुरुषार्थ से तैयार हुआ मूल्या का यह पतंजलि परिसर। यह परिसर बनेगा सेवा, सहायता, शिक्षा एवं रोजगार का प्रमुख केंद्र।
अपने उद्बोधन में पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा पहाड़ के संसाधनों एवं यहां के युवाओं व आम पहाड़वासियों का समुचित नियोजन कर यहां के संसाधनों के सहारे इन्हें रोजगारोन्मुख एवं खुशहाल बनाने मेें पतंजलि हर सम्भव प्रयास करता रहेगा। आचार्य श्री ने बताया कि इस हिमालय क्षेत्र की उत्तम आयुर्वेदिक बनौषधियों एवं अन्य प्राकृतिक पोषकीय उत्पादों में वैश्विक पहचान पाने की अपार शक्ति है। उन्होंने कहा इन पहाड़वासियों के उत्थान के लिए पतंजलि की एक प्रोसेसिंग यूनिट बनकर तैयार है, जो शीघ्र ही कार्य करने लगेगी। आचार्य बालकृष्ण जी ने इस क्षेत्र में पतंजलि की ओर से यहां के प्राकृतिक व कृषि उत्पादों के लिए एक कलेक्शन सेन्टर की स्थापित करने की बात कही। उन्होंने कहा श्रद्धेय स्वामी जी के मार्गदर्शन में पतंजलि इस पर्वतीय क्षेत्र के प्रत्येक गांव को अपनी कृषि, शिक्षा एवं रोजगारपरक नीति से जोड़ने की शानदार योजनायें बना रहा है। उन्होंने कहा मूल्यागांव का यह पतंजलि परिसर पहाड़ के विकास का आधार बनेगा।
ज्ञातव्य कि पूज्य स्वामी जी महाराज एवं श्रद्धेय आचार्य श्री महाराज की प्रेरणा से केदारनाथ आपदा में निराश्रित हुए बालकों के लिए निःशुल्क आवास एवं शिक्षण कार्य के लिए पतंजलि सेवाश्रम एवं संस्कृतगुरुकुलम की संकल्पना सामने आयी। डेढ़लाख वर्गफिट में फैले इस पतंजलि परिसर में अभी लगभग 100 बच्चे निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।