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पतंजलि योगपीठ परिसर में अंतरराष्ट्रीय योगदिवस कार्यक्रम
पतंजलि योगपीठ सहित सम्बद्ध प्रमुख परिसरों में हर्षोल्लास सहित मना अंतरराष्ट्रीय योगदिवस
श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज रचित योगविज्ञानम पुस्तक के हिन्दी-अंग्रेजी संस्करण का हुआ विमोचन
पतंजलि के हजारों कर्मयोगियों, अधिकारियों, सेवाव्रती भाई-बहिनों ने प्रातः 07 से 08 तक किया अंतरराष्ट्रीय योग प्रोटोकाल के अनुसार योगाभ्यास
व्यक्ति के शरीर, मन और कर्म में कौशल का विकास करता है योग-ललित मोहन
हरिद्वार, 21 जून- पतंजलि योगपीठ व उससे सम्बद्ध पांच प्रमुख परिसरों में अंतरराष्ट्रीय योगदिवस गौरवपूर्ण वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ फेज द्वितीय के श्रध्यलायम हाल में मुख्य महाप्रबंधक(ट्रस्ट) श्री ललित मोहन जी के मार्गदर्शन में पतंजलि योेग, षट्कर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान विभाग के प्रमुख श्री सचिन त्यागी जी ने अंतरराष्ट्रीय योगदिवस के तय मानक के अनुसार हजारों कर्मयोगियों, अधिकारियों, छात्र-छात्रओं, शिक्षकों को योगाभ्यास कराया।
वहीं पतंजलि से सम्बद्ध अन्य परिसर दिव्ययोगमंदिर, कृपालुबाग आश्रम में श्री योगेश जी व सुनील त्यागी, दिव्य फार्मेसी ए-1 परिसर में श्री अश्वनी त्यागी, पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क में श्री विनोद त्यागी तथा योगग्राम-निरामयम परिसर में श्री मोहन जी व श्री गोपाल जी ने वहां के कर्मयोगियोेें, अधिकारियों के बीच अंतरराष्ट्रीय योगदिवस के तय मानक के तहत योगाभ्यास कार्यक्रम सम्पन्न कराया।
पतंजलि योगपीठ फेज-1 में अंतरराष्ट्रीय योगदिवस के अवसर पर मुख्य महाप्रबंधक(ट्रस्ट) श्री ललित मोहन जी, पतंजलि आयुर्वेद कालेज के प्राचार्य डॉ- डी एन शर्मा एवं आचार्यकुलम के निदेशक श्री एलआर सैनी एवं डिकाडला पानीपत से पधारे संत श्री ओमस्वरूप जी ने श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज द्वारा रचित पुस्तक योगविज्ञानम् के हिन्दी एवं अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया।
पतंजलि योगपीठ फेज-1 के श्रध्यलायम हाल में सम्पन्न योगाभ्यास क्रम में पतंजलि योगपीठ फेज प्रथम व द्वितीय, पतंजलि अनुसंधान संस्थान, राजीव दीक्षित भवन, वानप्रस्थाश्रम, पतंजलि ग्रामोद्योग के कर्मयोगियों, अधिकारियों तथा पतंजलि आयुर्वेद कालेज व पतंजलि विश्वविद्यालय, आचार्यकुलम के छात्र-छात्रओं, शिक्षकों एवं कर्मयोगियों ने योगाभ्यास में सहभागिता की।
मुख्य महाप्रबंधक(ट्रस्ट) श्री ललित मोहन जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज के संकल्प से भारत की प्राचीन विधा योग कंदराओं एवं पुस्तकों से निकल कर जनआंदोलन का पर्याय बना। उन्होंने कहा योग शरीर व मन दोनों को साधने की क्रिया है, योग प्रत्येक कर्मयागी के लिए अतिमहत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति के शरीर, मन का परिष्कार कर उसके कर्म में कौशल का विकास करता है।
मुख्यमहाप्रबंधक ने बताया कि योगऋषि रामदेव जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में पतंजलि योगपीठ का मुख्य अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव गुजरात की धरती अहमदाबाद में सम्पन्न हो रहा है। उन्होंने बताया कि गुजरात सरकार एवं पतंजलि योगपीठ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय योगमहोत्सव में अभी तक कुल 22 रिकार्ड गोल्डेन बुक आफ वर्ल्डरिकार्ड के नाम दर्ज हो चुके हैं। तथा गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमहाप्रबंधक महोदय ने बताया कि लगभग तीन लाख से अधिक लोगों के एक साथ योगाभ्यास का विश्व रिकार्ड भी अहमदाबाद योगमहोत्सव में बनाया गया। उन्होंने बताया कि पतंजलि योगपीठ एवं असम सरकार के संयुक्त तत्वावधान में एक अन्य अंतरराष्ट्रीय योग कार्यक्रम असम में रखा गया है, जिसे पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज जी सम्पन्न कराने हेतु पहुंचे हैं।