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पतंजलि योगपीठ चलायेगा झारखण्ड के किसानों युवाओं की समृिधी एवं विकास का अभियान
पतंजलि के योग-आयुर्वेद व स्वदेशी अभियान से देश के युवा हो रहे हैं रोजगारोन्मुख एवं बनस्पतियां बन रहीं हैं आरोग्यवर्धिनी- डॉ द्रौपदी मुर्मू
राज्यपाल महोदया ने ऋषिद्वै से झारखण्ड वासियों को समृिधी व सम्मान दिलाने हेतु की चर्चा
हरिद्वार, 01 दिसम्बर, 2017- विगत कुछ दिनों से पतंजलि योगग्राम में अपनी साधना एवं स्वास्थ्य संवर्धन के लिए प्रवास कर रहीं झारखण्ड की राज्यपाल डॉ द्रौपदी मुर्मू जी ने आज पतंजलि योगपीठ में योग_षि पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज एवं पतंजलि योगपीठ के महामंत्री श्रद्धये आचार्य बालककृष्ण जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद लिया। राज्यपाल महोदया ने पतंजलि के बहुआयामी प्रकल्प योग, आयुर्वेद, गौ-अनुसंधान परम्परा, भारतीय बनौषधि, आयुर्वेदिक व स्वदेशी सहित राष्ट्र उत्थान से जुड़े विविध विधाओं एवं प्रकल्पों को पतंजलि अभियान से मिल रही वैश्विक प्रामाणिकता के लिए भूरि-भूरि सराहना की। तथा झारखण्ड को भी हरियाणा व उत्तराखण्ड की तर्ज पर हर्बल व आर्गेनिक कृषि एवं पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर लाने के लिए पतंजलि अभियान की अपेक्षा व्यक्त की।
उन्होंने कहा पूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज एवं श्रद्धये आचार्य बालकृष्ण जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में पतंजलि अपने प्रामाणिक एवं गुणवत्ता परक स्वदेशी उत्पादों द्वारा भारत को विदेशी कम्पनियों की दासता से मुक्त कराने हेतु संलग्न है।
राज्यपाल महोदया ने कहा पतंजलि का स्वदेशी आंदोलन एवं फूड प्रोसेिंसंग देश की आशा एवं आर्थिक समृिधी का केंद्र बनकर उभरा है। इसके चलते आज देश के लाखों किसानों को रोजगारोन्मुख खेती की प्रेरणा मिली है तथा उनके उत्पादों का सही मूल्य मिल रहा है। देश के लाखों युवा पतंजलि के फूडप्रोसेसिंग अभियान से रोजगार पा रहे हैं। डॉ मुर्मू ने कहा देश में प्रतिवर्ष लाखों टन फल, सब्जियां, दुर्लभ औषधीय उत्पाद व बनस्पतियां प्रोसेसिंग के अभाव में यूंही बरबाद हो जाती थीं, पतंजलि ने देशभर में इनके प्रोसेसिंग का आंदोलन चलाकर उन्हें आरोग्यवर्धिनी एवं दीर्घ जीवी बनाया।
उन्हाेंने झारखण्ड के प्राकृतिक उत्पादों, फलों, बनौषधियों को भी पतंजलि फूडप्रोसेंसिंग अभियान से जोड़कर वहां के किसानों, गरीबों एवं युवाओं को समुचित आर्थिक समृिधी एवं सम्मान दिलाने पर भी योगऋषि स्वामी जी व आचार्य श्री के साथ चर्चा की तथा झारखण्ड वासियों को इन अवसरों से लाभांवित करने हेतु मार्गदर्शन मांगा। स्वामी जी व आचार्य श्री ने उन्हें इस संदर्भ में आश्वस्त किया।